Up Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 16 सोना (मंजरी)&Nbsp;पाठ का सर (राशि)&Nbsp;

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 16 सोना (मंजरी) पाठ का सर (राशि)

Answers:

लेखिका ने हिरन न पालने का निश्चय किया था। परन्तु एक परिचित से प्राप्त अनाथ हिरन-शावक को पालना पड़ा। उसने इसका नाम सोना रखा। सोना लेखिका के पलंग के पाए से सटकर बैठना सीखे। गई थी। दूध पीकर और चने खाकर वह छात्रावास में जाकर उछलकूद भी करती थी। लेखिका के खाना खाने के समय वह सटकर खड़ी रहती थी। उसे छोटे बच्चे अधिक प्रिय थे। लेखिका के प्रति स्नेह-प्रदर्शन में वह उसके सिर के ऊपर से छलाँग लगा देती थी। सोना हिलमिल गई थी। एक वर्ष बाद हिरनी बन जाने पर, सोना की आँखों में विशेष आकर्षण उत्पन्न हो गया। एक दिन सोना ने फ्लोरा को अपने चार पिल्लों के साथ विस्मय से देखा।

फ्लोरा सोना के संरक्षण में पिल्लों को छोड़कर आश्वस्त भाव से इधर-उधर चली जाती थी। आँखें खुलने पर पिल्ले भी सोना के पीछे चौकड़ी भरने लगे थे। गर्मी के दिनों में लेखिका बद्रीनाथ की यात्रा पर गई। पालतू जीवों में केवल फ्लोरा ही साथ गई। छात्रावास के सन्नाटे और फ्लोरा के अभाव में सोना अस्थिर हो गई थी। कोई उसका शिकार न कर ले, इस आशंका से माली ने उसे रस्सियों से बाँध दिया। एक दिन सोना जोर से उछली और रस्सी में बँधे होने के कारण मुँह के बल गिरकर मर गई।