UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 एक स्त्री का पत्र (मंजरी) समस्त…
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जिसे लोग ………………………………………………….. खड़ी हूँ।
संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के एक स्त्री का पत्र’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक ‘रबीन्द्रनाथ ठाकुर’ हैं। यह उनकी लघु कथाओं में से एक है।
प्रसंग – लेखक ने घर गृहस्थी के बन्धन, रीति-रिवाजों का वर्णन करते हुए एक सुन्दर बुद्धिमान स्त्री का मार्मिक रूप से चित्रण किया है।
व्याख्या – मझली बहु सुन्दर और बुद्धिमान थी। घर-गृहस्थी को रीति-रिवाजों के बन्धनों में बँधकर निर्वाह करती हुई, वह जीवन व्यतीत कर रही थी। बिन्दू (अनाथ लड़की) ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली। घर परिवार की आन्तरिक परेशानियों से ऊबकर मझली बह तीर्थ करने आ गई। दख, कष्ट जो उसने उठाए उन्हें छिपा रही थी क्योंकि वह बुद्धिमान थी। उसके घर में परिश्रमी होने से कोई कमी नहीं थी।
पति अच्छा था लेकिन जेठ का चरित्र कुछ और तरह का था। बिन्दू को मझली बहु अनाथ होने के कारण बहुत प्यार करती थी। उसकी आत्महत्या के लिए समाज जिम्मेदार था। मझली बहु इससे विरक्त हो गई। अब उसने गृहस्थी में न जाने का निश्चय कर लिया। उसे गृहस्थी में लिपटी औरत का पूर्ण परिचय मिल चुका था, जिसकी इस विरक्ति की दशा में कोई जरूरत उसने अनुभव न की।