UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 एक स्त्री का पत्र (मंजरी) पाठ का…
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यह मृणाल (परिवार की मझली बहू) का लिखा पत्र है। वह सुन्दर थी और बुद्धि में तेज थी। वह छिपकर साधारण-सी कविताएँ लिखती थी जो रीति-रिवाज के बन्धनों से मुक्त होती थीं। वह बारह साल की आयु में बहू बनकर आई और शादी को पन्द्रह साल हो गए थे। अपनी नन्ही बेटी के मर जाने से वह माँ कहलाने का सुख न पा सकी थी। ससुराल के घर का माहौल रूखा और घुटन भरा था। उसे गाय-भैंस की सानी-पानी में जीवन बिताना ही पसन्द था। जेठानी की छोटी बहन माँ के मरने पर अनाथ होने पर बेहन के पास आ गई।
लेकिन उस असुन्दर, गरीब, अनाथ लड़की के साथ रूखा व्यवहार देखकर मझली बहू (मृणाल) ने उसे अपने पास रख लिया। बिन्दू मझली बहू से बहुत प्यार करती थी। परिवार वालों को जलन होती थी। अनाथ बिन्दू पर चोरी और चेचक हो जाने के दोष लगाए गए। अन्त में एक पागल लड़के से उसकी शादी कर दी गई। बेरहम सास और पागल पति से छुटकारा पाकर बिन्दू गौशाला में आकर मझली बहू को सोती मिली। असलियत मालूम होने पर मझली बहू ने उसे प्यार दिया और ढाढ़स बंधाया लेकिन घरवालों ने उसे झूठा बताया और ससुराल वालों के दुबारा आने पर उसे फिर ससुराल भेज दिया।
मझली बहू बिन्दू को न रोक सकी। मझली बहू जगन्नाथ पुरी तीर्थ करने गई। अपने भाई शरत् को तीर्थ के लिए बिन्दू को लाने भेजा। उसने बताया कि बिन्दू ने आत्महत्या कर ली। यह सुनकर मझली बहू विरक्त हो गई और वापस अपनी गृहस्थी में नहीं लौटी। उसने मीराबाई की तरह सारे बन्धन तोड़कर अपने भरोसे विरक्त जीवन बिताने का निश्चय किया। यह था घरवालों के आश्रय से मुक्त, एक स्त्री (मृणाल) मझली बहू का पत्र।