Up Board Solutions For Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी)&Nbsp;महत्वपूर्ण गद्यांशों की व्याख्या&Nbsp;

UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 11 आत्मनिर्भरता (मंजरी) महत्वपूर्ण…

Answers:

नम्रता से मेरा ……………………………………….. निकालती है।

संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘आत्मनिर्भरता’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हैं।

प्रसंग – लेखक के अनुसार नम्रता से स्वतन्त्रता प्राप्त होती है। मनुष्य को अहंकार रहित होकर बड़ों का सम्मान और छोटों से कोमलता का व्यवहार करना चाहिए। हमें आत्मा को नम्र रखना चाहिए।

व्याख्या – नम्रता से लेखक का आशय दूसरों के दबाब में रहना नहीं है। दब्बू प्रकृति के आदमी : दूसरों पर आश्रित रहते हैं, उनकी संकल्प शक्ति क्षीण हो जाती है और बुद्धि मन्द हो जाती है। जब कभी… कोई विशेष अवसर आता है, तो दब्बू व्यक्ति उचित निर्णय नहीं कर पाते और उन्नति न करके स्वयं को पीछे की ओर ही धकेलते हैं।  इस प्रकार मनुष्य स्वयं ही अपना हित-अनहित करता है। जो मनुष्य अपना रास्ता स्वयं ही समर्थता से ढूँढ लेते हैं, वही सच्ची आत्मा वाले कहे जाते हैं।

यही चित्त-वृत्ति ……………………………………….. बनाता है।

संदर्भ – पूर्ववत्।

प्रसंग – लेखक आत्मनिर्भरता के महत्त्व को निम्न प्रकार वर्णित करता है।

व्याख्या – आत्मनिर्भरता के कारण व्यक्ति अन्य साधारण लोगों से उच्च होता है। उसका जीवन सार्थक और किसी उद्देश्य विशेष की प्राप्ति में सक्षम होता है। उसकी बुद्धि और चातुर्य उसके अपने हृदय के अनुसार होते हैं और वह उत्तम संस्कार प्राप्त करता है। वह अपने कार्य में श्रेष्ठ रहता है।
और जीवन में प्रगति करता है। अपने अच्छे आचरण से दूसरों का भी मार्गदर्शन करके उन्हें उन्नतिशील बनाता है।