‘आत्मकथ्य’ कविता में कवि ने चांदनी रातों की गाथा को…
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‘आत्मकथ्य’ कविता में प्रख्यात छायावादी कवि जयशंकर प्रसाद ने अपने जीवन की व्यथाकथा का मार्मिक वर्णन किया है। इस कविता में प्रसादजी ने अत्यंत भावात्मक शब्दों में अपनी पीड़ा को अभिव्यक्ति दी है। कवि को अपने जीवन में निरंतर पीड़ा मिली है। उसके जीवन में ऐसे कुछ ही क्षण आये हैं जिनमें वह सुख व आनंद की कल्पना कर सका है। सुख की कल्पना करते हुए बिताये गए वे पल ही कवि के विषाद भरे जीवन में कुछ समय के लिए खुशी भर जाते हैं। चाँदनी रातों में की गई सुख की कल्पना की गाथा को कवि ने इसी कारण उज्जवल कहा है।